Inspiring Hindi Story: अपनी बातों और विचारों से लोगों को प्रभावित करने वाले स्वामी विवेकानंद के बारे में ऐसे बहुत सारे किस्से हैं जिन्हें सुनकर इंसान अपने जीवन को खूबसूरत बना सकता है। ऐसा ही एक किस्सा हम आज हम आपको बता रहें है।
स्वामी विवेकानंद के प्रेरक प्रसंग – “खुद से पहले उनकी मदद करें जिनको ज्यादा जरूरत है।“
Hindi Moral Story of Swami Vivekananda “Art Of Giving”
जो खुशी किसी चीज को देने में मिलती है वो कभी लेने में नहीं मिलती है।
एक समय स्वामी विवेकानंद अमेरिका गए हुए थे। अपने किसी जरूरी काम से लौटकर स्वामीजी अपने निवास स्थान आ रहे थे। वे अपने हाथों से ही खुद के लिए भोजन बनाते थे। उस दिन भी रोज़ की तरह ही जब वे भोजन बना रहे थे तभी उनके आसपास कुछ बच्चे आकर खड़े हो गए।
बच्चों को स्वामी से काफी लगाव था। स्वामी विवेकानंद के पास बच्चे आकर बातचीत करते। स्वामी जी की बात सुनकर बच्चे काफी कुछ सीखते। स्वामी विवेकानंद ने बच्चों को अपने पास देखकर उन्हें बुलाया और बात करने लगे। बच्चों से बात करने के दौरान स्वामी जी को लगा कि बच्चे भूखे हैं। इसके बावजूद बच्चे खुद से नहीं भोजन मांग रहे थे।
स्वामी विवेकानंद ने भोजन बनते ही सारा भोजन बच्चों में बांट दिया। खुद के लिए कुछ भी नहीं रखा। यह देखकर पास में बैठी एक महिला ने कहा कि आपने पूरा भोजन बच्चों में बांट दिया है। आप क्या खाएंगे?
इसपर स्वामी विवेकानंद ने मुस्कुराते हुए जवाब दिया कि इन बच्चों को अभी मुझसे ज्यादा जरूरत थी। मैं तो कुछ देर बाद भी भोजन कर लूंगा लेकिन इन बच्चों को भोजन अभी मिलना चाहिए था। अब इनकी भूख शांत हो गई है।
स्वामी विवेकानंद कि इस कहानी में हमे लोगों को खुद के बारे में सोचने से पहले दूसरों के बारे में सोचने की जिन्हें हम से पहले सबसे ज्यादा जरूरत है, उसकी मदद करने की शिक्षा मिलती हैं।
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