आज हम आपको SIP Kya Hai इसके बारे में बताएंगे। क्या आप भी Systematic Investment Plan (SIP) के बारे में जानना चाहते हैं.? तो इसे पूरा पढ़ें और SIP में निवेश करने के फायदे और नुकसान हिंदी में जानिए!
यह बहुत ही Genuine question है, एसआईपी को लेकर जो हर नया निवेशक पूछा करता है कि SIP या Systematic Investment Plan क्या है?
अगर आप भी किसी Financial Goal को पूरा करना चाहते हैं या फिर बहुत सारा पैसा बनाने का सपना देखते हैं, तो इसमें आपको म्यूचुअल फंड्स के लिए एसआईपी आपको इसे हासिल करने में मदद करता है।
SIP क्या होता है? – What is SIP
SIP in Hindi, यह एक निश्चित राशि को निवेश करने का एक तरीका है, जो नियमित रूप से किसी Mutual Fund में, Monthly या quarterly basis पर हो सकता हैं। एसआईपी आपको किसी तारीख पर आपके द्वारा चुनी गई किसी Mutual fund scheme की Units की खरीदनें की अनुमति देता है।
कोई Investor हर महीने या तिमाही में एक चुनी हुई MF Scheme में Pre-defined Amount को Invest कर सकता है, जो कि ECS (Auto – Debit) सुविधा के जरिए अपने Bank Account से कर सकता है। यह किसी Bank में जमा की जाने वाली रकम की तरह ही काम करता हैं और आपकी हर महीने की Purchase की हुई Units आपके पिछले Units में जोड़ दी जाती हैं।
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SIP कैसे काम करता है – How SIP Work?
एसआईपी एक बुनियादी निवेश योजना है। आपकी SIP या तो राशि-आधारित है या मात्रा-आधारित होती है। पहली योजना में आपकी निवेश राशि तय होती है जबकि बाद में, खरीदी जाने वाली इकाइयों (Units) की संख्या तय होती है।
एक बार जब आप अपनी SIP Scheme का चुनाव कर लेते हैं, तो एसआईपी के लिए पैसे आपके बैंक खाते से तय किए गए एक निश्चित अंतराल पर स्वचालित रूप से डेबिट हो जाते हैं। डेबिट की गई राशि को तब म्यूचुअल फंड में निवेश किया जाता है जिसे आपने चुना है। आपकी पूर्व-निर्धारित निवेश राशि और म्यूचुअल फंड की बाजार दर के आधार पर, फंड की इकाइयों की आनुपातिक संख्या आपको आवंटित की जाती है।
SIP में निवेश करने के लिए Investors को एक Application form और SIP Registration form के साथ अपनी चुनी हुई AMC के Branch में या किसी Depository/ Stock Broker के पास Scheme name, Amount, Frequency और SIP date का चयन कर सभी ज़रूरी form को Submit करना होता हैं।
AMC के द्वारा Registration हो जाने के बाद तय की गयी राशि Investor के बैंक खाते से Automatically Debit कर लिए जाता हैं और चुने गए फंड में निवेश कर दिया जाता हैं।
आप एसआईपी में 500 रुपये प्रति माह के रूप में छोटी राशि का भी निवेश कर सकते हैं। एसआईपी आपको Compounding और Rupee cost averaging का benefit देता है। Compounding आपके investment के returns को तेजी से बढ़ाने में मदद करती है।
SIP में Compounding के benefits को अच्छी तरह इस्तेमाल करने के लिए आप लंबे समय तक SIP Scheme में Investment करते हैं और ऐसा कर आप अपने पैसे से अधिक मुनाफ़ा कमा सकते है।
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SIP के प्रकार – Types of SIP
आइए जाने SIP के प्रकार के बारे में:-
Top-up SIP
इसे Step-up SIP के नाम से भी जाना जाता है, यह आपको नियमित अंतराल पर अपनी एसआईपी राशि बढ़ाने में सक्षम बनाता है। आप शुरुआत में थोड़ी राशि से शुरुआत कर सकते हैं और धीरे-धीरे आपके द्वारा निवेश की गई राशि को बढ़ा सकते हैं। एसआईपी राशि को नियमित रूप से जोड़ना धन बनाने का एक आसान तरीका है।
Flex or Flexible SIP
एक Flexible SIP आपको हर महीने अपने निवेश की मात्रा को अलग अलग करने की अनुमति देता है। यदि आप एक निश्चित राशि का निवेश नहीं करना चाहते हैं, तो आप Flex SIP ले सकते हैं।
Trigger SIP
इस तरह के SIP में Investor को अपने म्यूचुअल फंड के full amount या कुछ part को Redeem करने या फिर अपने investment को पूरी तरह से किसी दुसरे Scheme में automatically switch करने की सुविधा देती हैं, जब यह Pre-specified date, Price, NAV पर पहुँच जाता है। Trigger Point को upside या downside दोनों तरफ तय किया जा सकता हैं।
Perpetual SIP
सामान्य रूप से हम किसी एसआईपी को 1 yr, 2 yr, 3 yr या 5 yr जैसे पूर्व निर्धारित, निश्चित अवधि के लिए लेते है। अगर हम अपनी SIP की Last Date को Define नहीं करते हैं, Blank ही छोड़ते हैं, तो AMC इसे by default रूप से Perpetual SIP में डालती हैं। लगभग सभी Asset Management Company (AMC) ऐसे SIP को 2099 तक जारी रखने के लिए मान लेंगे, जब तक हम इसे रोकने की कोई Notice AMC को नहीं देते हैं।
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SIP Benefits And Risks – SIP के फायदे और नुकसान
SIP के लाभ – Benefits of SIP:
हम जानते हैं कि एसआईपी उच्च जोखिम निवेश नहीं है और यही कारण है कि यह Small Investors की पसंद होती है। SIP आपको लंबी अवधि में बेहतर रिटर्न देता है।
SIP से जुड़े कुछ Benefits नीचे दिए गए हैं:-
Flexibility
एसआईपी को शुरू करना या बंद करना बहुत ही आसान है। आप SIP को अपनी आवश्यकताओं के हिसाब से उसके Investment parameters जैसेः date, frequency, amount, etc. को modify भी कर सकते है। उदाहरण के लिए, यदि आपकी आय बढती है, तो आप Invest की जाने वाली amount को बढ़ा भी सकते हैं।
Convenience
आपको एएमसी कार्यालय जाने या हर महीने एक चेक जमा करने की आवश्यकता नहीं है। आपको बस एक ऑटो ऋण / ईसीएस फॉर्म पर हस्ताक्षर करना है और आपके द्वारा चुनी गई तारीखों में से राशि आपके बैंक खाते से काट ली जाएगी। SIP को AMC की वेबसाइट से ऑनलाइन भी शुरू किया जा सकता है।
Wide choice of schemes
आपको म्यूचुअल फंड योजनाओं की एक विस्तृत पसंद मिलती है और आप अपने जोखिम प्रोफाइल, निवेश उद्देश्य या वित्तीय लक्ष्यों के मिलान में निवेश कर सकते हैं।
Low investment amount
आप 500 रुपये प्रति माह के साथ कम में एक एसआईपी शुरू कर सकते हैं। ।
Diversified investments
इक्विटी म्यूचुअल फंड में एक एसआईपी शुरू करने से आप विभिन्न क्षेत्रों और कंपनियों में निवेश का लाभ उठा सकते हैं और इस प्रकार कंपनियों, क्षेत्रों और बाजार पूंजीकरण में आपका जोखिम फैल सकता है।
Disciplined approach to investing
नियमित रूप से निवेश करने का चयन करके आप अपने निवेश में अनुशासन लाते हैं क्योंकि आप एक महीने में किसी अन्य निश्चित खर्च की तरह अपने एसआईपी का इलाज करते हैं, यह घर का किराया देना, किराने का सामान खरीदना, बाहर खाना या अपने बच्चों के लिए मासिक ट्यूशन शुल्क का भुगतान करना है।
Inculcates the savings habit
यह बचत की आदत को बढ़ाता है क्योंकि आप एक निश्चित राशि का भुगतान करते हैं और इसे हर महीने या तिमाही में व्यवस्थित रूप से निवेश करते हैं।
Helps achieve your long term goals
SIPs आपको अपने दीर्घकालिक लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करते हैं, जैसे – सेवानिवृत्ति, बच्चे उच्च शिक्षा और उनकी शादी या इतने पर। आप वास्तव में अपने लक्ष्य के लिए एक लक्ष्य राशि निर्धारित कर सकते हैं और उसी को प्राप्त करने के लिए समय की अवधि में हर महीने निवेश करते हैं।
उदाहरण के लिए – आप 30 वर्ष की आयु के हैं और 55 वर्ष की आयु में अपनी सेवानिवृत्ति के लिए 5 करोड़ का कोष बनाना चाहते हैं। आपको अगले 25 वर्षों के लिए प्रति माह केवल 27,000 रुपये का निवेश करने की आवश्यकता है (12% की वापसी)।
SIP के नुकसान – Risks of SIP
ऐसे तो SIP High Risk Investment नहीं है फिर भी यह बाज़ार के अधीन होता है और इसमें कुछ Risks Factors भी होते हैं। यहाँ जाने कि SIP से जुड़े Risks क्या हैं:-
Price Risk:
Mutual Funds निवेश बाजार के जोखिमों के अधीन होता हैं, मतलब साफ़ है कि आपके द्वारा SIP के से किये गए Investment की Value कम भी हो सकती हैं और आपके Investment की Price Value गिर भी सकती हैं। वैसे तो SIP में Risk हमारी Investment Holding Period पर depend करती है और यह जितनी लंबी होती है, Risk कम होता है।
Lock-in periods:
हम कई बार ऐसे Mutual Funds Scheme में Investment कर लेते हैं, जिनकी Lock-in periods ज्यादा होती है, जो 5 yr से 8 yr तक हो सकती है। इन Mutual Funds में Maturity से पहले बाहर निकलना महंगा साबित हो सकता है।
Credit Risk:
अगर किसी विशेष कंपनी या उसकी इकाई को क्रेडिट रेटिंग एजेंसी द्वारा डाउनग्रेड किया जाता है, तो उस AMC के NAV की कीमत भी गिर जाती है। यदि NAV की कीमत गिरती है, तो यह पुरे Portfolio के value को प्रभावित करता है।
SIP FAQs (Frequently Asked Questions) – SIP से जुड़े सवाल
तो दोस्तों अभी तक आपने जाना कि SIP क्या हैं? आइए SIP से जुड़े कुछ सवालों के बारे में जानते हैं:-
एक एसआईपी निवेश में आप अपने निवेश के रूप में कम से कम 500 रुपये से शुरू कर सकते हैं और आप जिस भी सीमा तक चाहें, जा सकते हैं।
जब निवेश की बात आती है तो एक अच्छी टाइमिंग जैसा कुछ नहीं होता।
यदि आप एकमुश्त निवेश करने के लिए तैयार नहीं हैं या यदि आप अपने जोखिमों को कम करना चाहते हैं तो आप एसआईपी का चयन कर सकते हैं।
किसी भी निवेश की अवधि आपके द्वारा चुनी जा सकती है। क्यूंकि, यह साबित हो गया है कि अल्पकालिक निवेश की तुलना में लंबी अवधि के निवेश को अधिक रिटर्न मिलता है।
SIP के जरिए ELSS में निवेश करने पर आपको Rs. 1.5 lakh PA under Section 80C के तहत छूट मिलती है।
आज हमने “SIP Investment” के बारे में जाना। आप “What is SIP in Hindi” इसे अपने दोस्तों के साथ ज़रुर शेयर करे। अगर आप SIP Plan kya hai से जुड़ा हुआ कोई सवाल पूछना चाहते है.? या कोई जानकारी.. तो आप हमे Comment कर सकते है।