Motihari News: बिहार के मोतिहारी जिले में अपराध पर लगाम लगाने के लिए एसपी स्वर्ण प्रभात लगातार प्रयास कर रहे हैं. अपराध को रोकने के लिए वह पुलिस को कार्यशैली में सुधार लाने का निर्देश देते रहते हैं. इसके बावजूद कुछ पुलिसकर्मी सुधरने का नाम नहीं ले रहे हैं. अब इन लापरवाह पुलिसवालों पर अदालत ने बड़ी कार्रवाई की है.

बता दें कि थानाध्यक्षों पर उनकी लापरवाही पर न्यायालय ने अर्थदंड लगाया है, वो भी एक दो नही चार थानाध्यक्ष पर अर्थदंड लगा है. ऐसे में मोतिहारी के फिजा में अब यह यक्ष प्रश्न आम होने लगा है कि एसपी के प्रयास और न्यायालय की सजा के बाद भी क्या थानाध्यक्षों की कार्यशैली में सुधार हो सकेगा?
जानकारी के मुताबिक, केसरिया के थानाध्यक्ष ने एक ऐसे मामले में एक ऐसे व्यक्ति का आवेदन लेकर एफआईआर दर्ज कर दिया है. जिसकी जांच उन्होंने खुद करवाई थी और उक्त जांचकर्ता अधिकारी ने ज़ी न्यूज़ को बताया है कि उन्होंने थानाध्यक्ष को जमीन पर कोर्ट के द्वारा रोक की जानकारी थानाध्यक्ष को दे दिया था और रंगदारी जैसी कोई बात से भी इनकार किया था.
हद तो यह भी रही कि अगर बारीकी से एफआईआर से पहले उक्त मामले में थानाध्यक्ष ही के द्वारा नियुक्त जांच अधिकारी बादशाह चौहान की जांच पर अगर थानाध्यक्ष करवाई किए होते तो उन्हें पता रहता और उक्त एफआईआर नहीं करते और आज बेशकीमती जमीन पर न्यायालय से रोक के वाबजूद कब्जा नही हो पाता
अब इस पूरे मामले में जब पीड़ित ने जिला लोक शिकायत का शरण लिया तो वहां जवाब देने केसरिया थानाध्यक्ष नही पहुंचे. लिहाजा उनपर पांच हजार का अर्थदंड लगा है और किसी दूसरे पुलिस अधिकारी से जांच करवाने का न्यायालय ने आदेश भी दिया है. केसरिया थानाध्यक्ष के अलावा लापरवाही के अन्य मामले में आदापुर, कल्याणपुर और डुमरिया घाट के थानाध्यक्ष पर पांच पांच हजार रुपया का अर्थदंड लगा है.
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